कब मिली कहाँ मिली कुछ याद नही, जिन्दगी तुझको तो बस ख्वाब, मैं देखा हमने |
जैसे जैसे लोहड़ी की आग तेज हो, वैसे वैसे हमारे दुखों का अंत हो, लोहड़ी का प्रकाश आपकी जिन्दगी, को प्रकाशमय कर दे, हैप्पी लोहड़ी |
सजदा से करबला, को बंदगी मिल गई, सबर से उम्मत को, जिन्दगी मिल गई, एक चमन फातिमा, का गुज़रा, मगर सारे इस्लाम को, जिन्दगी मिल गई | HAPPY MUHARRAM
फिजा में महकती शाम, हो तुम, प्यार में झलकता जाम हो, तुम, सीने में छुपाए फिरते हैं, हम यादें तुम्हारी, इसलिए मेरी जिन्दगी का, दूसरा नाम हो तुम । Happy Propose Day